नमस्कार साथियों,
- आज के समय में हम कैसे स्वस्थ रह सकते हैं , कैसे तंदुरुस्त रह सकते हैं , यह हमारे को जानना ही पड़ेगा इसको जानने से पहले हमारे को एक बात मालूम होनी चाहिए कि हम आज बीमार क्यों हो रहे क्यों इतनी बीमारियां हर तरफ फैल रही हैं चारों तरफ क्यों यह बीमारियां हमारे को अपनी चपेट में ले रही इसके पीछे किसका हाथ है क्या इसके पीछे परमात्मा का हाथ है क्या यह सब कुछ भगवान ने किया है क्या इस दुनिया का अंत नजदीक आ गया है यह सब कुछ जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें !
साथियों इन बीमारियों को जानने के लिए सबसे पहले हमारे को यह जानना बहुत जरूरी है यह बीमारियां आखिरकार बढ़ क्यों रही इनके पीछे किसका हाथ है अगर मैं कहूं इन सब बीमारियों के पीछे किसी परमात्मा का किसी शक्ति का या उस परमपिता परमात्मा का हाथ नहीं है इसके पीछे सिर्फ मनुष्य का हाथ है ना किसी जीव के कारण ना किसी जंतु के कारण ना किसी पक्षी के कारण किसी के भी कारण से है बीमारियां नहीं बढ़ रही सिर्फ एक ही कारण है जिसके कारण यह बीमारियां बढ़ रही हैं और वह कारण है मनुष्य !
मनुष्य दिन प्रतिदिन तरक्की तो करता जा रहा है लेकिन उस तरक्की का भुगतान उसको करना पड़ रहा है और आने वाले समय में और ज्यादा मात्रा में यह भुगतान उसको करना पड़ेगा आज के समय में करोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से पूरा विश्व जूझ रहा है एक ना दिखने वाली चीज ने पूरे के पूरे विश्व का चक्कर रोक के रख दिया है और यह वायरस पता नहीं कितने लोगों की जान लेकर जाएगा और कितने लोगों को बेरोजगार करेगा कितने लोगों का घर लेकर जाएगा कितने लोगों को यह सड़क पर लेकर आएगा यह किसी को अंदाजा नहीं है और इन सब के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह इंसान है कहीं ना कहीं हम अपने लालच के अधीन होकर ऐसे गलत कदम उठl देते हैं !
हम अपनी इस प्रकृति इस कुदरत के साथ ही छेड़छाड़ कर रहे हैं कितने पेड़ हुआ करते थे पहले उन पेड़ों का काम था हवा को शुद्ध रखना लेकिन हम निर्दई इंसानों ने उन पेड़ों को काट दिया क्योंकि हम उन पेड़ों की जगह पर बड़े-बड़े भव्य महल बड़ी-बड़ी भव्य इमारतें बनाना चाहते थे हम उनको काटते चले गए और उसकी वजह से जो पेड़ किया करते आज पेड़ तो नहीं रहे तो उन पेड़ों का काम करेगा कौन वह जो पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को बदलकर ऑक्सीजन हमारे को दिया करते थे वह शुद्ध ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों को आज मिल नहीं पा रही है उसकी वजह से हमारे खून के अंदर गंदी हवा जिसके अंदर कार्बन डाइऑक्साइड भरी पड़ी है वह हमारे खून के अंदर जा रही है और खून हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है अगर हमारा खून शुद्ध नहीं है तो हमारे को तरह-तरह की बीमारियां होना निश्चित है जिसको हम रोक नहीं सकते तो पेड़ का बहुत महत्व है एक इंसान को स्वस्थ रखने में यह तो सिर्फ मैंने एक पेड़ की ही बात की है ऐसी सी सैकड़ों गलतियां हम इंसानों ने की हैं !
आप सब को यह तो पता ही होगा कि हमारा जो यह शरीर है वह पंचमहाभूत का है यानी कि हमारा यह शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है और वह पांच तत्व क्या है वह पांच तत्व हैं भगवान मतलब “भ ” मतलब भूमि “ग” मतलब गगन “व” मतलब वायु “अ” अग्नि “न ” मतलब नीर यह पांच तत्व हैं इनसे मिलकर हमारा शरीर बना है और इन्हीं पांच तत्वों से मिलकर यह पूरे का पूरा ब्रह्मांड बना है आप अपने आसपास नजर दौड़ा कर देखिए हर चीज हर वस्तु इन्हीं पांच तत्वों से मिलकर बनी है इन्हीं पांच तत्वों से मिलकर हमारा खाना बनाएं जो हम खाते हैं वहीं पांच तत्वों से ही आता है अगर यह पांच तत्व शुद्ध नहीं है तो हम जो खाना खा रहे हैं वह कैसे शुद्ध हो सकता है आप एक-एक करके इन तत्वों को देखिए जो मैं आपको दिखाने की कोशिश कर रहा हूं
हम इंसानों ने पृथ्वी माता को भी नहीं छोड़ा इस धरती माता को हमने कितने कष्ट दिए हैं हम रात दिन बिना इस बात का ध्यान लगाए इस बात को जाने की जो हम इसके अंदर डाल रहे हैं वह आखिरकार जाएगा कहां आज किसान इतना जहर इस जमीन के अंदर इस धरती मां के अंदर उड़ेलता है जिसकी वजह से हम जो खाना आज पैदा कर रहे हैं चावल सब्जियां गेहूं बाजरा और भी तरह तरह के अनाज जो हम खाने के लिए पैदा करते हैं उन सब के अंदर यह जहर भरपूर मात्रा में भरा पड़ा है जो हम जमीन पर डालते हैं और किसी ने क्या खूब कही है जैसा आहार वैसा व्यवहार जैसा आप खाओगे वैसा बन जाओगे जब आप जहर से उगाई हुई यह फसलें खाओगे यह पानी पियोगे यह दूध पियोगे जिसके अंदर जहर भरा पड़ा है तो आपका स्वास्थ्य कैसे तंदुरुस्त रह सकता है यही वह कारण है कि आप बीमार हो रहे हो !
गगन को भी हमने प्रदूषित कर दिया गगन में पहले वातावरण साफ हुआ करता था लेकिन आज हमने जो गंदगी फैला रखी हैं उसके कारण हमारा सारे का सारा वातावरण खराब हो चुका है जब से करो ना वायरस के कारण हम लोग डाउन में हैं तो आप वातावरण को देखिए कितना साफ हो गया है तो इस सब की वजह से भी हमारे को बीमारियां हो रही उसके बाद वायु वायु को भी हमने प्रदूषित कर दिया क्यों क्योंकि हमने जो पेड़ पौधे हुआ करते थे उनको काट के उनको उनकी जगह भव्य इमारतें बना ली भव्य बिल्डिंग हमने खड़ी कर दी या उस जमीन को काटकर हमने वहां पर खेत बना लिए जहां पर हम या तो फसल उगा रहे हैं या फैक्ट्रियां लगा ली हैं तो उसके कारण जो पेड़ वायु को शुद्ध करने का काम किया करते थे वह आज नहीं कर पा रहे और पेड़ों का काम कोई दूसरा वस्तु नहीं कर सकती कोई मशीनरी वह काम नहीं कर सकतीजो पेड़ किया करते थे तो हमारी वायु शुद्ध नहीं रही!
अग्नि को भी हमने दूषित कर दिया अग्नि का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है वह सूर्य देव हमारे और सूरज के बीच में एक ओजोन परत हैं ओजोन परत जमीन पर आने वाली रेडियो एक्टिव किरणों को रिफ्लेक्ट करके वापस भेज दी है भेजती है इसी के कारण यह जीवन संभव है इस पृथ्वी पर अगर इस पृथ्वी के और सूर्य के बीच में वह जॉन परत ना हो यह ओजोन परत ना हो तो हम 1 सेकंड भी इस जीवन में इस पृथ्वी पर जीवित नहीं रह सकते लेकिन हमारी गलतियों की वजह से ओजोन परत की आज मोटाई कम होती जा रही है जो हम नीचे प्रदूषण कर रहे हैं उसकी वजह से उसको जॉन पथ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तो इसलिए हमने अग्नि को भी खराब कर दिया
इसके बाद आप जल लीजिए जो पानी आप पीते हो उस पानी को कम गंदा किया है इंसान ने उस पानी के अंदर तरह-तरह के जीव जंतु जो रहते थे जो पानी को साफ रखा करते थे आज वह जीव जंतु उस पानी के अंदर नहीं रह सकते वह या तो मर गए हैं या वहां चले गए हैं जहां वो जिंदा रह सकते हैं हम लोग जितना भी यह गंदगी आज निकाल रहे हैं अपने घरों से यह सब हम उस जल के अंदर मिला रहे हैं और उस जल को प्रदूषित कर रहे हैं और वह जल प्रदूषित हो रहा है तो उसकी वजह से हमारा यह जो शरीर है वह भी प्रदूषित हो रहा है क्यों क्योंकि 76% हमारे शरीर का जो हिस्सा है वह पानी से मिलकर बना है यानी कि हमारे शरीर में 76% पानी है अगर इस प्रकृति में पानी सही नहीं रहेगा तो हम भी सही नहीं रह सकते और इसी की वजह से है कि हम दिन प्रतिदिन बीमार होते जा रहे हैं !
आज अगर हमारे को स्वस्थ रहना है तो हमारे को इन पांच तत्वों को पहले जैसा करना पड़ेगा जैसी यह भूमि पहले हुआ करती थी वैसा करना पड़ेगा इसको करने के लिए हमारे को यह जो शहर हम इस धरती में डाल रहे हैं इसको बंद करना पड़ेगा इसकी जगह पर हमारे को गोबर की खाद आदि डालना पड़ेगा प्राकृतिक तरीके से इस खेती को करना पड़ेगा और जितना भी प्रदूषण हम अपनी हवा में पानी में ब्रह्मांड में फैला रहे हैं उसको कम करना पड़ेगा तभी हमारे यह पांच तत्व पहले जैसे हो सकते हैं अगर हमारे यह पांच तत्व पहले जैसे हो गए तो हमारा जो खाना है वह भी पहले जैसा हो जाएगा और जब वह पहले जैसा हो जाएगा तो हम पहले की तरह फिर से शो डेढ़ सौ सालों तक जीवित रह सकेंगे यह सब हमारे हाथ में हैं हम मनुष्यों के हाथ में हैं क्योंकि किसी भी जीव जंतु ने इस पृथ्वी पर प्रदूषण नहीं फैलाया सिर्फ इंसान ने फैलाया है और इसको रोकना भी इंसान के हाथ में है आपके हाथ में है तो आपने अपनी जिम्मेवारी समझ के इसको रोकना है अगर आप बोलोगे तो यह समाज एक ना एक दिन इसको भी बदलना पड़ेगा
धन्यवाद